
भारत ने बर्मिंघम के एजबेस्टन में खेले गए दूसरे टेस्ट में मेजबान इंग्लैंड को 336 रन से हरा दिया है। इस जीत के साथ ही युवा टीम इंडिया ने कई रिकॉर्ड बनाए और इतिहास रचा। इस सीरीज की शुरुआत में ज्यादातर क्रिकेट पंडितों ने शुभमन गिल की टीम को कमतर आंका था और कहा था कि नया और एक कम अनुभवी कप्तान के रहने से टीम इंडिया को नुकसान होगा, लेकिन गिल एंड कंपनी ने सभी के मुंह पर ताला लगा दिया। भारत के 608 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए इंग्लैंड की दूसरी पारी 271 रन पर सिमट गई। इसी के साथ 2021 में ऑस्ट्रेलिया के गाबा का घमंड तोड़ने वाली टीम इंडिया ने अब बर्मिंघम-एजबेस्टन का घमंड तोड़ दिया है। इस जीत के साथ ही शुभमन युग का शुभारंभ भी हो चुका है। तीसरा टेस्ट 10 जुलाई से लंदन के लॉर्ड्स में शुरू होगा।
टीम इंडिया ने बर्मिंघम के एजबेस्टन मैदान पर सबसे पहला मैच 1967 में खेला था। चाहे विराट कोहली हों या धोनी या फिर द्रविड़ या फिर सौरव गांगुली, इस टेस्ट से पहले यहां किसी भारतीय कप्तान ने जीत हासिल नहीं की थी। हालांकि, गिल ने अपना नाम इतिहास की किताबों में दर्ज करा लिया है। उनके नेतृत्व में टीम इंडिया ने 58 वर्षों का सूखा खत्म कर दिया है और गिल बर्मिंघम के एजबेस्टन में जीत हासिल करने वाले पहले भारतीय कप्तान बन गए हैं। बर्मिंघम इंग्लैंड के उन तीन स्थलों में शामिल था जहां भारतीय टीम ने कभी जीत हासिल नहीं की थी। इस मैच से पहले बर्मिंघम में भारतीय टीम ने आठ मैच खेले थे जिसमें सात में उसे हार का सामना करना पड़ा था, जबकि एक मुकाबला ड्रॉ रहा था। लेकिन गिल की अगुआई में भारतीय खिलाड़ियों ने पिछले रिकॉर्ड को पीछे छोड़ते हुए एजबेस्टन में इतिहास रच दिया।
इतना ही नहीं, गिल बर्मिंघम में जीत हासिल करने वाले पहले एशियाई कप्तान भी बन गए। वहीं, भारत बर्मिंघम में टेस्ट जीतने वाली पहली एशियाई टीम है। कुल मिलाकर एशियाई टीमों ने यहां 19 टेस्ट खेले हैं। भारत ने नौ, पाकिस्तान ने आठ और श्रीलंका ने दो टेस्ट खेले हैं। भारतीय टीम ने एजबेस्टन में अपने नौवें टेस्ट में जाकर जीत हासिल की, जबकि पाकिस्तान और श्रीलंका ने अभी तक एजबेस्टन में जीत का स्वाद नहीं चखा है। पाकिस्तान 1962 में इस मैदान पर टेस्ट खेलने वाली पहली एशियाई टीम थी।
भारत की विदेश में सबसे बड़ी टेस्ट जीत
भारत की यह विदेश में रनों के लिहाज से टेस्ट में सबसे बड़ी जीत है। इससे पहले उसने 2016 में वेस्टइंडीज के खिलाफ नॉर्थ साउंड में 318 रनों से मैच जीता था। वहीं, रनों के लिहाज से टेस्ट में ओवरऑल उसकी चौथी बड़ी जीत है। गिल को उनकी शानदार पारी के लिए प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया है। 336 रन की जीत किसी भी टीम की रनों के लिहाज से बर्मिंघम में टेस्ट में सबसे बड़ी जीत है। भारत ने इंग्लिश धरती पर अपनी सबसे बड़ी टेस्ट जीत (रनों के अंतर से) भी दर्ज की। इस मामले में टीम इंडिया ने 1986 में कपिल देव की कप्तानी में मिली 279 रनों की जीत को पीछे छोड़ दिया। भारत ने टेस्ट क्रिकेट में पहली बार 600 रन का स्कोर बचाकर टेस्ट मैच जीता है। यह दूसरी बार भी था जब भारतीय टीम 600 से अधिक के लक्ष्य का बचाव कर रही थी।
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